काेरोना इफेक्ट / उज्जैन में परिवार का एक संदिग्ध घर से भागा, 11 को जांच के लिए ले गए, जानसापुरा और केडीगेट इलाके को सील किया

इंदौर में 3 दिन से इलाज करा रही महिला की बुधवार दोपहर को मौत के बाद शहर में हड़कंप मच गया। पुलिस ने जानसापुरा और केडीगेट को पूरी तरह से सील कर दिया है। वहीं, मृतका के परिवार के 11 लोगों को जांच के लिए टीम लेकर आई है। वहीं, एक संदिग्ध भाग गया है। महिला उज्जैन के जानसापुरा क्षेत्र की रहने वाली थी, उसे 22 मार्च को सांस लेने में तकलीफ के चलते परिवार के लोगों ने चैरिटेबल हॉस्पिटल में भर्ती किया था। गंभीर हालत को देखते हुए उसे चैरिटेबल से माधवनगर अस्पताल भेजा गया था। यहां उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया। उसके स्वाब और ब्लड का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। महिला को इंदौर एमवाय अस्पताल रैफर कर दिया था। महिला की मंगलवार रात रिपोर्ट आई थी। 


सीएमएचओ डॉ. अनुसुइया गवली ने बताया कि जानसापुरा की 65 साल की महिला की 22 मार्च को तबीयत खराब होने पर भर्ती किया गया था। महिला में कोरोना का संक्रमण पाया गया है। वह संक्रमित कैसे हुई, उसके बारे में अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है। महिला का इंदौर में इलाज चल रहा था। महिला के परिवार के 11 लोगों को भी जांच के लिए ले जाया गया है। बड़ा खतरा यह है कि एक संदिग्ध घर से भाग गया है। अगर वह दूसरों के संपर्क में आया तो संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। महिला के पॉजिटिव आने के बाद पुलिस ने जानसापुरा और केडीगेट को सील कर दिया है। अब न कोई अंदर आ सकता है और न यहां से जा सकता है।


कोई बिना वजह निकला तो पुलिस डंडा मारकर अंदर करेगी
एसएसपी सचिन अतुलकर ने बुधवार दोपहर को 12 बजते ही यह स्पष्ट कर दिया कि कर्फ्यू शुरू हो गया है। पुलिस मोर्चा संभाल ले और आम जनता निश्चित समय-सीमा जो तय की गई है, उसी में खरीददारी करे। इसके बाद अगर कोई बाहर दिखा तो पुलिस डंडा चलाकर उसे अंदर करेगी। शहर के सभी नाकों के बाद बुधवार सुबह से शहर के अंदर भी प्रमुख मार्ग व चौराहों सील कर दिए गए, ताकि कोई भी बेवजह आ जा नहीं सके।


एसएसपी ने कहा कि तय समय सीमा को छोड़कर कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराने के निर्देश पुलिसकर्मियों को दे दिए गए हैं, जिसे बहुत जरूरी है, वही घर से बाहर अकेले निकलेगा, लेकिन स्पष्ट कारण भी पुलिस को बताना होगा। इमरजेंसी के लिए इस तरह की रियायत लोगों को मिलेगी। जो लोग बेवजह घूमते मिले, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए गए हैं। सभी फील्ड में रहने वाले पुलिसकर्मियों समेत इमरजेंसी सेवा वालों को यह कहा गया है कि वे गले में आई कार्ड पहनकर ही निकलें व चेहरे पर मास्क होना आवश्यक है।